भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश

पृष्ठभूमि

हिमाचल प्रदेश पर्वतीय राज्य है। यहां सांस्कृतिक वैविध्य की इन्द्रधनुषी रंगत देखने को मिलती है। राज्य में भाषा, कला, संस्कृति, संग्रहालय, पुरातत्त्व, अभिलेखागारीय इत्यादि कार्यों को सुनियोजित ढंग से निष्पादित करने के आशय से अप्रैल, 1973 को भाषा एवं संस्कृति निदेशालय की स्थापना की गई। भाषायी गतिविधियों के अन्तर्गत हिन्दी, पहाड़ी, संस्कृत और उर्दू भाषा के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण के लिए योजनाओं को कार्यान्वित करना विभाग का दायित्व है। विभाग का मूल उद्देश्य पहाड़ी बोलियों में छिपी अनमोल सांस्कृतिक विरासत के उत्थान, संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सांस्कृतिक सर्वेक्षण, कार्यशालाओं, सेमीनार, संगोष्ठियों आदि के माध्यम् से स्थानीय बोलियों में सामग्री संकलित कर उसे प्रकाश में लाना है। हिन्दी, संस्कृत, पहाड़ी और उर्दू भाषा को प्रोत्साहित करना तथा भाषायी भगीरथी के सतत् प्रवाह को आगे बढ़ाना विभाग का प्रमुख कार्य है। इन्हीं भाषाओं और बोलियों से प्रदेश की अनाम संस्कृति, इतिहास, भाईचारा, सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के दिग्दर्शन होते है।